Friday, June 4, 2021

योग

 सभी को नमस्कार ,

हम २१ जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने जा रहे हैं | योग भारत वर्ष की एक अनुपम देन है | योग को परिभाषित किया गया है : योगश्चित्तवृत्तिनिरोधः | चित्त को साधारण भाषा में हम मन कहते हैं | मन या चित्त की वृत्तियों को रोकना ही योग कहा गया है | 

योग का अर्थ है - जोड़ | योग मन-मस्तिष्क, आत्मा और शरीर के बीच समन्वय स्थापित करने का काम करता है |

आसन तो सिर्फ एक अंग हैं | योगासन हमें स्फूर्तिवान और ऊर्जावान बनाते हैं | गीता में तो तीन तरह के योग की चर्चा है - कर्म योग , भक्ति योग एवं ज्ञान योग | गीता के अनुसार सफलता एवं विफलता में एकत्व की भावना को योग कहते हैं |पतंजलि द्वारा प्रतिपादित योग सूत्रों के अनुसार योग के आठ अंग या अष्टांग हैं :-

यम - अंहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य एवं अपरिग्रह का पालन 

नियम - शौच, संतोष, तापस, स्वाध्याय, ईश्वर-प्रणिधान 

आसन 

प्राणायाम

प्रत्याहार - बाहरी वस्तुओं से इन्द्रियों को हटाना  

धारणा - एकाग्रता (Fixing the attention on a single object)

ध्यान - Meditation (Intense contemplation of the nature of the object of the meditation)

समाधि - मुक्त होना (Merging consciousness with the object of meditation)

अतः सभी से बस यही अनुरोध है कि योग को समग्रता से समझ सही रूप में अपनाएँ और उससे लाभान्वित हों |

सबों को बहुत - बहुत धन्यवाद |

No comments:

Post a Comment